संजय मिश्रा पर हुई तीसरी एफआईआर

संजय मिश्रा पर हुई तीसरी एफआईआर

इंदौर. ब्लैकमेलिंग के आरोपी संजय मिश्रा से पीड़ित अब और आदमी पुलिस थाने पहुँच रहे हैं. विजय नगर थाने में संजय मिश्रा के ख़िलाफ़ IPC की धारा 384,294 और 506 के साथ साथ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम 1989 के अनुसार भी एफआईआर दर्ज कराई गई है. शिकायतकर्ता प्रमोद कुमार पुरानिया निवासी भागीरथपुरा शिव मंदिर गली थाना बाणगंगा ने एफ़आइआर में दर्ज कराया है की वे शासकीय शिक्षक हैं और जब अपनी ड्यूटी से घर लौट रहे थे, तब संजय मिश्रा पिता चंद्रशेखर मिश्रा निवासी गणेशधाम कॉलोनी इंदौर ने रंजिशवस उन्हें जातिसूचक गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी. संजय मिश्रा द्वारा धमकी देते हुए 10 लाख रुपये की माँग की गई.  

 उल्लेखनीय है कि जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह द्वारा इसी माह मिश्रा को रासुका में निरूद्ध कर सेंट्रल कारागार में बंद किया गया है. संजय मिश्रा के खिलाफ विभिन्न थाना क्षेत्रों में नागरिकों, विद्यालय संचालकों, शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों को डराने-धमकाने तथा गैर कानूनी वसूली के प्रकरण पंजीबद्ध हैं. इसके खिलाफ अश्लील गालियां देने, जान से मारने की धमकी देने की गंभीर धाराओं में भी क्राइम पंजीबद्ध किये गये हैं. 

 बताया गया कि इसके खिलाफ थाना बाणगंगा में 28 अक्टूबर को साकेत कुमार पिता देवेन्द्र कुमार बादल द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसके पूर्व थाना एरोड्रम में 23 अक्टूबर को एक अन्य क्राइम आवेदक गोपाल सोनी पिता रमेशचन्द्र सोनी द्वारा दर्ज कराया गया था. संजय मिश्रा के खिलाफ थाना बाणगंगा में 28 अक्टूबर को साकेत कुमार पिता देवेन्द्र कुमार बादल द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर मुताबिक मिश्रा ने विद्यालय चलाने के एवज में रूपयों की गैर कानूनी मांग की. इसने अश्लील गालियां देकर जान से मारने की धमकी दी. इसके खिलाफ भारतीय सजा विधान की धारा 384, 294 तथा 506 के अनुसार प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है. 

 इसी तरह थाना एरोड्रम में गत 23 अक्टूबर को एक अन्य क्राइम आवेदक गोपाल सोनी पिता रमेशचन्द्र सोनी द्वारा दर्ज कराया गया जिसके मुताबिक आरोपी संजय मिश्रा ने ब्लैकमेलिंग करते हुए अश्लील गालियां दी और जान से मारने की धमकी दी. आवेदक ने बताया कि उसके द्वारा आये दिन उल्टे-सीधे कमेंट किये जाते हैं. रूपयों की माँग की जाती है. आरोपी कम्पलेन करने का आदि है. इस मुद्दे में भी इसके खिलाफ भारतीय सजा विधान की धारा 384, 294 तथा 506 के अनुसार प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है. दोनों ही आवेदक विद्यालय संचालक हैं.